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अहसास दिलाना चाहती हूं कि मेरा जन्म माता-पिता की भूल नहीं

सपनों को चली छूने
सपनों को चली छूने
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मैं एक लड़की हूं पर पूरा विश्वास है कि एक दिन बहुत आगे जाऊंगी। मैं अपने सपनों को पूरा करूंगी, क्योंकि माता-पिता को यह अहसास दिलाना चाहती हूं कि उन्होंने मुझे इस दुनियां में लाकर कोई भूल नहीं की। मैं संघर्ष करूंगी और अपने राष्ट्र के लिए एक उदाहरण बन पाऊंगी। मेरा विश्वास है और यह कहा भी गया है कि लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। मैं दूसरी बहनों से भी यही कहूंगी कि तुम लड़की हो और तुम्हारे अंदर भी शक्ति है, तो इसका पूरा उपयोग करो। किसी के अत्याचारों को मत सहो, तभी तुम सफलता पा सकोगी। अगर सफलता पाना चाहती हो, तो लक्ष्य को हमेशा सामने रखो। दूसरी लड़कियों को भी सलाह दो, उन्हें यह अहसास दिलाओ कि तुम मर्दो से कम नहीं। नारी ही चण्डी है, भवानी, दुर्गा और काली भी नारी ही है। इस शक्ति को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लगाना जरूरी है। इसके लिए नारी-शक्ति में एकता बनाये रखने की जरूरत है। पौराणिक कथा के अनुसार जब महिषासुर जैसे दानव ने पूरे देवलोक को त्रस्त कर रखा था, तब सभी देवता देवी पार्वती के पास गए थे और उनकी प्रार्थना पर कई देवियों ने मिलकर चण्डी का रूप धारण किया। इस शक्तिपुंज चंडी ने महिषासुर और अन्य राक्षसों का भी वध किया। नारी एकता के बल पर हम आज स्त्री-विरोधी अत्याचार के दानव का अंत कर सकते हैं। जरूरत सिर्फ मजबूत इरादों की है।

प्रीति कुमारी
एस.एस. कालेज जहानाबाद

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