Menu
blogid : 240 postid : 39

वे पढ़ाई बंद करा कर मुझसे सिर्फ ब्याह और बच्चे चाहते थे

सपनों को चली छूने
सपनों को चली छूने
  • 38 Posts
  • 243 Comments
मैं एक लड़की हूं। आने वाले कल का सुनहरा भविष्य हूं। जो चाहूं वो कर सकती हूं। मुझे अपने ऊपर पूरा विश्वास है कि मैं अपनी मंजिल पाकर ही दम लूंगी। जहां तक बात है मेरी जिंदगी की, तो उसके अनुभव चुनौती भरे हैं। चुनौती से जूझने पर ही मुझमें इतनी ताकत पैदा हुई है।
कभी घरवालों ने कम उम्र में मेरी शादी तय कर दी थी। लड़के वालों ने दहेज मांगा और जल्दी से बच्चे पैदा करने के लिए शादी करना चाहा। उन्हें मेरी पढ़ाई पर भी आपत्ति थी। लेकिन मैं कम-से-कम अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी और 18 वर्ष की उम्र के बाद ही शादी करना चाहती थी।
इसके लिए मैंने अपने मां-बाप को समझाया। उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण उन्होंने मेरी बात नहीं मानी।
यह मेरे लिए ंिजंदगी का नाजुक लमहा था। अन्त में मैंने शादी के लिए साफ मना कर दिया और अपने सख्त फैसले पर अड़ी रही। आखिरकार सबों को झुकना पड़ा और आज मैं अपने मंजिल की ओर बढ़ रही हूं। मेरी शादी कट गयी।
लड़के वालों ने दूसरी जगह शादी कर ली। मुझे इसकी कोई परवाह नहीं। बचपन से ही मेरी मंजिल एक उम्दा डाक्टर बनना है, जिसे मैं पूरा करके ही दम लूंगी। मैंने जिंदगी में मुझसे भी ज्यादा लड़कियों को मजबूती से अपने हक के लिए लड़ते देखा है। मैं भी किसी से कम नहीं हूं। मैं चाहूं तो हवा का भी रुख मोड़ सकती हूं। चाहे जो भी हो मैं अपने लक्ष्य को पाकर ही दम लूंगी। मैं डाक्टर ही बनूंगी।

 

सलमा सुल्तान
एम.एम.एम. कालेज आरा

 

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh