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लड़की होने के नाते मेरे अच्छे अनुभव ज्यादा हैं। मेरी पढ़ाई में कोई परेशानी नहीं आई। कहीं भी मेरे माता-पिता ने मेरे और मेरे भाई के बीच कोई अंतर नहीं रखा। जब मैं छोटी थी, मुझे बहुत प्यार मिला। जब स्कूल जाने लायक हुई तो अच्छे स्कूल में मेरा नामांकन हुआ। मैं महाविद्यालय तक आई। यहां भी शिक्षक शिक्षिकाएं लड़कियों के साथ भेद-भाव नहीं करते हैं। लड़कियों के लिए भारत सरकार और बिहार सरकार की ओर से ऐसे कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, जिसका लाभ सिर्फ लड़कियों को मिल रहा है। इस पर मुझे खुशी होती है कि मैं भी एक लड़की हूं। अगर मैं लड़का होती, तो मुझे इन सब लाभों से वंचित रहना पड़ता। मैं पढ़ाई के साथ-साथ अपने घर के कामों में अपनी मां की मदद करती हूं, जो कि मेरा भाई नहीं कर सकता। मां कहती है मेरी बेटी ही ठीक है, जो मदद करती है और पढ़ती भी है। मेरी शादी हो चुकी है। जब मैंने अपनी शादी का विरोध किया, तब मेरी मां नहीं मानी। मैंने कहा था, एक ही शर्त पर शादी करूंगी, वह यह कि शादी बिना दहेज के होगी। तब मेरी मां ने बताया कि लड़के ने दहेज लेने से मना कर दिया है और उन्होंने अपने माता-पिता को भी समझाया कि मुझे पैसे से शादी नहीं करनी है। उसने कहा-मुझे लड़की से शादी करनी है। आपको जितना भी पैसा चाहिए, वो मैं कमा के दूंगा लेकिन मैं शादी बिना दहेज के करूंगा।
इस पर मुझे खुशी हुई एक समझदार लड़के के साथ मेरी शादी हो रही है। मुझे उस पर गर्व हुआ। इतना ही नहीं, ससुराल में भी मेरी पढ़ाई जारी है। मेरे पति पढ़ाई के बारे में बहुत सजग है। वो मुझे आत्मनिर्भर देखना चाहते हैं। मेरी सासू मां भी मुझे पढ़ने से नहीं रोकती। जब मेरे पति मेरे भाई-बहन को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं, तो मुझे बहुत खुशी होती है। लड़की होने के नाते मेरे अनुभव कुछ बुरे भी हैं। जब मैं कभी अपनी मां को बिना बताये खेलने भी चली जाती, मां गुस्सा करती लेकिन वहीं मेरे भाई पर गुस्सा नहीं करती। लड़की होने के कारण मैं कभी अकेले कहीं भी नहीं जा सकती थी। मां कहती तुम किसी को साथ लेकर जाओ। मुझे बुरा लगता, जब कालेज जाते वक्त मुहल्ले के लोग उपेक्षा की दृष्टि से देखते। जब मैं अपने आस-पास किसी भी लड़की पर अत्याचार होते देखती हूं, तो बहुत डर लगता है।
पूजा कुमारी
गंगा देवी महिला कालेज, पटना
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